इसरो का शतक (जनसत्ता) January 15, 2018 Comments भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो ने एक बार फिर दक्षता और लगन की मिसाल पेश की है। बीते शुक्रवार को उसने अपना सौवां उपग्रह कार्टोसेट-2 प्रक्षेपित कर एक विशेष मुकाम तो हासिल किया ही, साथ में तीस अन्य उपग्रह भी सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किए। और भी खास बात यह है कि ये सारे उपग्रह दो अलग-अलग कक्षा में स्थापित किए गए। यह इसरो की अपूर्व उपलब्धि है, एक ही यान से अलग-अलग कक्षा में उपग्रह स्थापित करना। कार्टोसेट-2 के साथ छोड़े गए तीस अन्य उपग्रहों में दो भारत के थे और अट्ठाईस उपग्रह अन्य देशों के। एक भारतीय माइक्रो उपग्रह और एक भारतीय नैनो उपग्रह और अट्ठाईस विदेशी उपग्रहों को पीएसएलवी सी-40 प्रक्षेपण यान के जरिए छोड़ा गया। यहां यह गौरतलब है कि पिछले साल अगस्त में पीएसएलवी-39 के जरिए इसरो का पिछला मिशन नाकाम रहा था। दरअसल, हीट शील्ड न खुलने के कारण उस प्रक्षेपण में कठिनाई आई थी। अब जाहिर है कि उस वक्त आई मुश्किल को इसरो के वैज्ञानिकों ने ठीक से समझा और उसे दूर कर लिया। यों इस तरह की नाकामी अंतरिक्ष विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में कोई बहुत असाम...